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Story telling in English

Easy ways of story telling in English. How to learn English through story telling ? We are going to learn very useful skills to learn English through story that too with the help of narrating a past events or activities.

Methods of story telling in English

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2. How do I improve my English through story telling ?

There are mainly three types of stories in our life

  1. Traditional story
  2. Story with conversation
  3. Story without conversation

(1) Traditional story

इस तरह की कहानी अक्सर शुरू होती है कुछ English के phrases or idioms से ,जैसे Once upon a time there were four friends, Once there lived a poor farmer, Long long a ago, there was a king….इस तरह से शुरू होने वाली कहानी Traditional story कहलाती है। जिसको हम दादाजी या दादीजी की कहानी भी बोलते हैं।

(2) Story with conversation

इस तरह की कहानी में अक्सर story के characters आपस में बातचीत (conversation) करते हुए कहानी को आगे बढ़ाते हैं।जैसे,

Structure होता है :

[ Sub + V² + obj ] और कभी कभी simple past Tense के अलावा दूसरा Tense का भी प्रयोग किया जा सकता है।

Madan got up in the morning. He got fresh. He went for a morning walk. He came back from there and had breakfast and he decided to go to his friend’s house. When he was going his friend house, he saw a beggar who was begging at the street. ‘Why are you begging ?’ Madan asked to the beggar,

इस तरह की कहानी जो past incidents (हादसा) or events (घटना) होते हैं और उसमें story characters आपस में talks करते हैं।

 (3) Story without conversation

Story without conversation में जब कोई व्यक्ति किसी से सवाल पूछता है, जैसे, ‘आज तुम इतने उदास क्यों हो ?’ और इस सवाल के जवाब में आदमी पूरी कहानी बताने लगता है।

Most of the time Structure होता है।

[ Sub + V² + object ]

जैसे,

Before the final exam I promised my father that I would stand first in my class. That time my father told me if you stand first in the class, I will purchase you a new bicycle but I was unable to get good marks in my examination that’s why I am very disappointed today.

तो आपने notice किया होगा कि इस past events में सिर्फ simple past Tense का ही प्रयोग किया गया है।

इसे हम English में anacdote भी बोलते हैं। जिसमें आपने past में क्या – क्या किया या आप किसी और के बारे में भी बता सकते हैं कि उसने क्या क्या किया, इसे भी हम कहानी ही बोलते हैं। 

How do I improve my English through story telling ?

Story telling in English
Story telling in English

Story telling in English is one of the best and useful skills to increase the power of speaking.

अब आपको नीचे Hindi में कुछ Short Stories और incidents (घटना) दिया जा रहा है, आप उन्हें अच्छे से पढ़े और अपने class में या दोस्तों के बीच उन्हें English में बोलने की कोशिश करें। इससे आपकी Translation skills भी बहुत हद तक develop हो जाएगा।

(1) अक्लमंद आदमी

किसी गांव में एक बुद्धिमान व्यक्ति रहता था । लोग हर बार एक ही समस्या लेकर उसके पास आते थे। एक दिन उसने उन्हें एक चुटकुला सुनाया (crack a joke) और सब हँस पड़े (burst into laughter)

कुछ मिनटों के बाद, उसने उन्हें वही चुटकुला सुनाया और उनमें से कुछ ही मुस्कुराए।

जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाया तो कोई भी नहीं हँसा। तब बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा, ‘जब हमें एक ही बात पर बार-बार हंसी नहीं आती है तो हम एक ही समस्या पर बार- बार क्यों रोते हैं या दुखी क्यों हो जाते हैं ?

(2)  बदमाश हाथें

एक समय की बात है एक चोर को राजा के पास लाया गया। चोर ने एक आदमी के घर का ताला और दरवाज़ा तोड़कर जेवरात चुराया था। चोर ने राजा से कहा, महाराज मैं बहुत गरीब और इमानदार आदमी हूं लेकिन यह मेरे हाथ बहुत बदमाश (wicked) हैं। मैंने ताला नहीं तोड़ा, यह मेरे हाथों ने किए हैं।

इन हाथों के कारण मुझे शर्मिन्दा होना पड़ता है। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। ये सब मेरे हाथों ने किए है। “इसी हाथों ने सारी चोरियां की है, मैं निर्दोष हूं महाराज।” चोर ने कहा, “मुझे भी लगता है कि तुम निर्दोष हो।

तुम्हारे हाथ को सजा मिलना चाहिए। तुम्हारे हाथों को पांच सालों के लिए कैदखाना जाना पड़ेगा। तुम बाहर ही ठहरना।

(3) वह लड़का जिसे क्रिसमस पर विश्वास नहीं था।

जाॅन एक गरीब लड़का था। उसका कोई परिवार और दोस्त नहीं था। उसके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। ठंडी रातें बिताने के लिए ज़रा भी कमरा नहीं है।

क्रिसमस का समय था। सब लोग व्यस्त थे। वे क्रिसमस मनाने की तैयारी कर रहे थे।
लेकिन जाॅन के लिए कोई क्रिसमस नहीं होने वाला था। उसे बहुत अकेलापन महसूस हुआ।

जब वह सड़क पर चल रहा था तो उसने एक घर की खिड़की पर एक लड़की को देखा। वह उसे देख रही थी। जाॅन की तरह वह भी अकेली थी। ‘काश वह और मैं दोस्त होते,’ उसने खुद से कहा।
जाॅन एक दरवाजे पर जाकर बैठ गया। तभी उसने देखा कि कुछ उसकी ओर आ रहा है। यह उसकी बेपहियों की गाड़ी (sleigh) में सांता क्लॉज़ था। ‘तू यहाँ क्या कर रहा है?’ चलो एक सवारी के लिए चलते हैं, ‘सांता क्लॉज ने कहा।
जल्द ही वे सांता की बेपहियों की गाड़ी में उड़ रहे थे। जाॅन बहुत खुश था।

कुछ देर बाद संता ने एक घर की छत पर बेपहियों की गाड़ी (sleigh) रोक दी। वे नीचे घर में चले गए। जाॅन को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था! लड़की चिमनी के पास खड़ी थी जिसे उसने बाहर देखा।
दोनों दोस्त बन गए।
यह सांता से जो के लिए सबसे अच्छा उपहार (present) था।

(4) कहानी : चुप रहना सीखो

एक बार एक मंदिर में चार युवा लड़के रहते थे। एक दिन उनमें से एक ने कहा, ‘हम बहुत ज्यादा बात करते हैं। हमें चुप रहना सीखना चाहिए।’ तब उन्होंने आपस में कहा, हम सात दिन तक बातें न करें।

पहले दिन शाम तक कोई नहीं बोला। किसी ने एक शब्द नहीं कहा। लेकिन फिर रात आई और दीये (lamps) जलाना पड़ा। तब पहले लड़के ने एक नौकर से कहा, ‘दीप जलाओ।’

दूसरा लड़का हैरान रह गया। उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया था कि हम नहीं बोलेंगे और अब आप बोल चुके हैं!’

‘तुम दोनों मूर्ख हो। तुम दोनों ने क्यों बात की? ‘ तीसरे लड़के ने पूछा।

‘मैं अकेला हूं जिसने अभी तक बात नहीं की है।’ चौथे लड़के ने कहा।

(5) मैंने पकड़ी ये मछलियां

एक सुबह मिस्टर ब्राउन मछली पकड़ने गए। वह सुबह से दोपहर तक नदी के किनारे बैठे रहे। लेकिन वह एक भी मछली नहीं पकड़ सका।

दोपहर के समय वह जाकर नदी के किनारे दूसरे स्थान पर बैठ गया। लेकिन वह अभी भी कोई मछली नहीं पकड़ सका।

जल्द ही शाम हो गई। घर जाने का समय हो गया था। और उसने कोई मछली नहीं पकड़ी थी। “मैं अपनी पत्नी को क्या बताऊंगा?” उसने सोचा। अचानक उसे एक विचार आया।

वह मछली की दुकान पर गया। उसने दुकानदार से कहा, तुम्हारे पास जो तीन सबसे बड़ी मछलियाँ हैं, उनमें से तीन को चुनकर मेरे पास फेंक दो।

‘उन्हें तुम्हारे पास फेंक दो? किस लिए ?’ दुकानदार से पूछा।

‘ताकि मैं अपनी पत्नी को बता सकूं कि मैंने उन्हें पकड़ लिया है!’

(6) एक अंधा आदमी

एक समय की बात है एक बूढ़ा अंधा आदमी था। एक रात वह अपने छोटे से घर से निकला। उनके हाथ में दीया (lamp) था। वह सड़क पर चल रहा था।

एक युवक सड़क के दूसरी ओर से आ रहा था। वह रामू के पास आया और कहा, ‘रामू, तुम अंधे हो। और तुम मूर्ख भी हो। तुम नहीं देख सकते, तो तुम हाथ में दीया क्यों लिए हुए हो?’

रामू मुस्कुराया और कहा, ‘यह दीपक मेरे लिए नहीं है। यह आपके और दूसरों के लिए है ताकि आप मुझसे न टकराएं। युवक को शर्मिंदगी महसूस (felt ashamed) हुई। और उसने रामू से माफी मांगी (apologised)

(7) छोटी सी कहानी : आलसी जॉन

जॉन नाम का एक लड़का था जो इतना आलसी था कि वह अपने कपड़े बदलने की भी जहमत नहीं उठा सकता था। एक दिन उसने देखा कि उसके घर के आँगन ( backyard) में सेब का पेड़ फलों से भरा हुआ था। वह कुछ सेब खाना चाहता था लेकिन वह पेड़ पर चढ़ने और फल लेने के लिए बहुत आलसी था। इसलिए वह पेड़ के नीचे लेट गया और फलों के गिरने की प्रतीक्षा करने लगा। जॉन ने इंतजार किया और तब तक इंतजार किया जब तक कि वह बहुत भूखा नहीं था लेकिन सेब कभी नहीं गिरे।

 

(8) बुद्धिमान कौन ?

बहुत समय पहले की बात है, एक धनी व्यापारी (business man) के दो बेटे थे। वह जानना चाहता था कि उनके दोनों बेटों में से कौन अधिक बुद्धिमान हैं।

एक दिन व्यापारी ने अपने दोनों बेटों को पांच पांच रुपए दिए और कहा कि बाजार से कुछ खरीदकर इस कमरा को भर देना है।

उसका बड़ा बेटा बाजार से रुई (cotton) खरीदकर कमरा को भर दिया। छोटा बेटा बाजार से एक मोमबत्ती खरीदकर कमरा के बीच में उसे जला दिया जिसकी रौशनी से सारा कमरा भर गया। व्यापारी समझ गया कि उसका छोटा बेटा अधिक बुद्धिमान है।

 

(9) जैसा करोगे वैसा भरोगे

एक रात तीन चोर अमीर आदमी के घर से बहुत सारा पैसा चुराया। वे लोग पैसों को एक थैला में रखा और जंगल की ओर चले गये। उन्हें जोरों की भूख लगी। जंगल में भोजन नहीं था। इसलिए उनमें से एक सामने गांव से भोजन खरीदने गया। बाकी दो जंगल में पैसों की रखवाली कर (looking after) रहे थे।

वह चोर जो खाना लाने गया था, उसके मन में एक बुरा ख्याल (evil idea) आया। उसने अपना खाना खाया। फिर उसने दोनों के लिए भोजन खरीदा। उसने खाना में ज़हर मिला दिया। उसने सोचा, वे लोग यह भोजन खाकर मर जाएंगे और सारा पैसा मैं रख लूंगा।

उसी समय वे दो चोर भी योजना बना रहे थे कि जब पहला चोर खाना लेकर आएगा तो हमलोग उसे मार देंगे। हम पैसों को दो हिस्सों में बांट लेंगे।

जब वह गांव से लौटा तो दोनों चोर ने उसे मार डाला। फिर वे लोग ज़हरीला खाना खाने लगे और थोड़ी देर बाद (after a while) वे दोनों भी मर गये।

(10) मुर्ख मछुआरा

एक समय की बात है, एक मछुआरा, जिसका नाम धर्मा था, अपने पत्नी के साथ रहता था। वह बहुत ही आलसी और मुर्ख था। उसे बांसूरी (flute) बजाने का शौक था। उसकी पत्नी हमेशा उसे डांटती (scold) और उसे कुछ काम करने को कहती थी।

लेकिन वह अपनी पत्नी की नहीं सुनता था और सारा समय (all the time) बांसूरी बजाता था। एक दिन उसकी पत्नी ने उसे मछली पकड़ने पर ज़ोर (forced) दिया। उसने जाल उठाया और बड़े दुखी मन से (with a heavy heart) नदी की ओर (towards) चल दिया। उसने जाल को एक तरफ रखा और फिर बांसूरी बजाने लगा। वह अच्छा धुन बजा रहा था ताकि मछली नाचते हुए आएगी और मैं उन्हें पकड़ लूंगा। उसने सोचा।

लेकिन कोई मछली नहीं आई। उधर से धर्मा का दोस्त, हरिया, आ रहा था। हरिया आया और धर्मा से पुछा, “तुम यहां क्या कर रहे हो ?” धर्मा ने कहा मैं बांसूरी बजा रहा हूं ताकि मैं मछली पकड़ सकूं। “तुम मुर्ख हो, तुम मछली ऐसे नहीं पकड़ सकते।” हरिया ने कहा।

फिर धर्मा जाल पानी में फेंका और बहुत मछली जाल में आई। सारी मछलियां बिना पानी के तड़प रही थी, उछल रही थी तो धर्मा ने कहा, “जब मैं बांसुरी बजा रहा था तब तुमलोग नहीं नाच रही थी और अब जब मैं बांसुरी नहीं बजा रहा हूं तो तुमलोग नाच रहे हो।” तुम सब मुर्ख हो, यह बोलते हुए उसने सारी मछलियां को पानी में फेंक दिया और कहा तुम सब पानी में मर।

(11) राजकुमार

एक समय की बात है, एक राजकुमार अपने सुंदर से बाग़ में टहल रहा था। अचानक उसके मन में एक विचार आया। बागीचा का क्या फायदा है ? क्या बागीचा की सभी चीजें मुझे, मालिक के तौर पर (as a owner) लाभ पहुंचाती है ?

राजकुमार आम के पेड़ के पास गया और पूछा, “तुम मेरे लिए क्या करते हो ?” जवाब में आम के पेड़ ने कहा, “जब गर्मी का मौसम आता है तो मेरे डाल पर मीठे और रसीले आम उगते (grow) हैं और आपका माली (gardener) उसे उठाता है। वह आपको और आपके मेहमानों को आम परोसता है। राजकुमार बहुत खुश हुआ और कहा साबाश (well done)!

फिर उसकी आंखें बरगद का एक विशाल पेड़ पर पड़ा। वह उसके पास गया। राजकुमार ने वही सवाल बरगद‌ (Banyan) का पेड़ से पुछा।

पेड़ ने कहा, “मैं आम के‌ पेड़ जैसा आम तो नहीं देता लेकिन मैं छाया देता हूं। मेरे डालों (branches) पर चिड़िया अपना घोंसला बना कर रहती है। चार पैर के जानकार आदमी भी ‌‌‌‌‌‌यहां आराम करते हैं। चिड़िया सुबह सुबह मधुर गाना (melodious song) गाती है और आपको जगाती हैं। राजकुमार ने कहा, ” साबाश !

(12) हाथी और दोस्त

एक दिन एक हाथी जंगल में दोस्तों के तलाश में भटक (wander) रहा था। उसने पेड़ पर एक बंदर को देखा। “क्या तुम मेरा दोस्त बनोगे ?” हाथी ने पूछा। बंदर ने जवाब में कहा, “तुम बहुत बड़े हो, तुम मेरी तरह पेड़ पर झूल (swing) नहीं सकते।

फिर हाथी खरगोश से मिला। उसने उसे भी दोस्त बनने के लिए प्रार्थना किया।‌‌ लेकिन खरगोश ने कहा, “तुम बहुत बड़े हो, तुम मेरे साथ नहीं खेल सकते।”

फिर हाथी मेंढ़क से मिला। उसने वहीं सवाल उससे भी पूछा। तुम मेरा दोस्त कैसे बन सकते हो ? तुम मेरी तरह कूद नहीं सकते।

हाथी बहुत उदास हो गया। उसकी मुलाकात लोमड़ी से हुई। “क्या तुम मेरा दोस्त बनोगे ?” हाथी ने पूछा, लोमड़ी ने कहा सौरी सर।

अगले दिन हाथी ने देखा सभी जानवर जंगल में अपनी जान बचाकर इधर उधर भाग (running for their lives) रहे हैं। हाथी ने उनसे पूछा कि क्या बात है? भालू ने जवाब दिया कि जंगल में एक बाघ है जो हम सबको खाने की कोशिश कर रहा है।

हाथी ने बाघ से कहा मिस्टर टाइगर, आप ये बेचारे मासूम (innocent) जानवरों को खाना बंद करे। टाइगर ने हाथी से कहा, “तुम अपना काम से काम रखो ?” हाथी को गुस्सा आया।

हाथी ने बाघ को एक ज़ोरदार (hefty) लात (kick) मारा और बाघ वहां से भाग गया।  सभी जानवरो ने हाथी का शुक्रिया अदा किया और सब उसके दोस्त बन गये।

(13) अहंकारी गधा

एक समय की बात है, एक गधा का मालिक, जो मूर्ति (idol) बेचता था। वह मूर्ति को गधा के पीठ पर रखता था और अपने दुकान से मंदिर तक पहुंचाता था। जब गधा और उसका मालिक शहर के मुख्य सड़कों (main street) से गुजरते थे तो लोग भगवान की मूर्ति को देखकर झुकते (bow) और नमस्कार करते थे। गधा को लगा की लोग उसके लिए झुक रहे हैं और पूजा (worship) कर रहे हैं। गधा को अपने उपर बहुत घमंड महसूस (feel proud) हुआ। अंत में वह इतना अहंकारी हो गया की एक जगह खड़ा हो गया और चलने से भी इन्कार (refused) करने लगा।

इस पर मालिक को बहुत गुस्सा आया और उसने गधा की बेत (cane) से खूब पिटाई (thrashed) की।

अरे मुर्ख गधा ! मालिक ने कहा, अभी इतने बुरे दिन नहीं आए हैं की लोग गधा को पूजने लगे।

(14) कंजूस व्यक्ति

एक बार एक कंजूस व्यक्ति अपने सारे धन को पेड़ के नीचे ज़मीन में गाड़ दिया। हर रोज वह अपने ख़ज़ाना को देखने जाता था।

एक दिन एक चोर ने उसे ख़ज़ाना के पास देख लिया। उसने कंजूस व्यक्ति का सारा धन चुरा लिया और भाग गया। अगला दिन जब कंजूस आदमी ने पाया कि उसका ख़ज़ाना गायब हो गया है। वह अपने कपड़े फाड़ने लगा और ज़ोर ज़ोर से रोने लगा। उसकी आवाज़ सुनकर पड़ोस के लोग जमा हुए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुका था।

(15) जादूई पेंसिल

एक समय की बात है, एक गरीब लड़का था। उसको चित्र बनाना अच्छा लगता था। वह चित्र लकड़ी और पत्थर के तुकड़ा से बनाता था क्योंकि वह इतना गरीब था कि वह पेंसिल भी नहीं खरीद सकता था।

एक दिन न जाने कहां से (out of nowhere) एक आदमी आया और उसने लड़का को एक पेंसिल दिया और बोला तुम सिर्फ लोगों के लिए चित्र बनाना और वह आदमी चला गया।

लड़का चित्र बनाने लगा। उसने एक मुर्गा (cock) का चित्र बनाया। वह मुर्गा का चित्र सचमुच में मुर्गा बन गया। तब लड़का समझ गया कि यह पेंसिल जादूई पेंसिल है। अब वह गांव के गरीब लोगों की सहायता करने लगा। जो कुछ भी (whatever) लोगों की जरूरत होती, वह उन चीज़ों की तस्वीरें बनाता और फिर वे तस्वीरें सचमुच की वस्तु में बदल जाता।

(16) बुद्धिमान बीरबल

एक दिन, एक अमीर सौदागर बीरबल के पास आता है। वह बीरबल से कहता है कि मेरे घर में सात नौकर हैं। उनमें से एक ने मेरा बहूमुल्य (precious) हीरों का थैला चुराया है। बीरबल जी आप कृपया कर चोर का पता लगाएं और उसे दंड (punish) दे।

इसलिए बीरबल अमीर आदमी के घर जाता है। वह सभी सातों नौकरों को एक कमरा में बुलाता है। वह उनमें से हर एक (each one of them) को एक छड़ी देता है और कहता है कि ये सभी लकड़ियां जादूई (sticks) लकड़ियां हैं। अभी ये सब आकार में बराबर हैं। इन्हें अपने साथ रखो और मुझे कल तक (by tomorrow) ये वापस कर देना।

अगर इस घर में कोई चोर है, तो कल तक उसका छड़ी एक इंच बढ़ जाएगा।

वह नौकर जिसने हीरा चुराया था, वह डर गया। उसने सोचा अगर आज मैं अपनी छड़ी को एक इंच काट देता हूं तो यह कल तक बराबर हो जायेगा।‌‌ और मैं नहीं पकड़ाऊंगा (not be caught)। उसने छड़ी को एक इंच काट दिया।

अगले दिन बीरबल सब नौकरों से छड़ी लेता है। बीरबल देखता है कि एक नौकर का छड़ी छोटा है। बीरबल उंगली से इशारा करके बोलता है कि ये रहा चोर।

चोर अपना जुर्म कबूल कर (confess) लेता है। चोर हीरों का थैला वापस कर देता है। अंत में चोर को जेल भेज दिया (was sent to jail) जाता है।

(17) बैल गाड़ी में पांच लोग

गुरु गमपर ने अपने चारों शिष्यों (disciples) को बोल रखा था कि बिना उनके अनुमति के बिना कुछ न करें। एक दिन वे लोग दूर शहर (distant town) के लिए जा रहे थे। वे लोग बैलगाड़ी (bullock-carts) में सफ़र कर रहे थे।  गुरु गमपर हो रहा था जबकि (whereas) उनके चारों शिष्या बैठे थे।

अचानक से गुरुजी का पगड़ी ( turban)  गिर गया। गुरु गमपर को पता भी नहीं। थोड़ी देर बाद (for a little while) जब गुरुजी जागे तो पाया कि उनका पगड़ी नहीं था। गुरूजी ने शिष्यों से कहा कि तुम लोगों ने मेरा पगड़ी क्यों नहीं उठाया ? गुरुजी बोले’ ‘तुम चारों निकम्मे हो।’ देखो, अब से (from now onwards)  कुछ भी गिरेगा तो उसे उठा लेना। ठीक है। यह कहकर वह फिर सो गये।

थोड़ी देर बाद बैल ने गोबर (cow dung) किया तो चारों ने उसे उठा लिया। जब गुरुजी उठे तो वह बोले गोबर क्यों उठाया? चारों ने जवाब दिया, आपने ही तो कहा था कि कुछ भी गिरेगा तो उठा लेना।  गुरुजी ने सामानों का एक लिस्ट बनाया और उनको देते हुए बोले, ‘इन सामानों में से कोई चीज़ गिरे तो उठाना वरना (otherwise) मत उठाना।’

थोड़ी देर बाद जब गुरुजी सोए तो बैलगाड़ी का एक चक्का गढ्ढे (pit) में घुस गया (got stuck) और गुरूजी दलदल (mud) में गिर गये। और बैलगाड़ी फिर से चलने लगा। और गुरूजी ज़ोर ज़ोर से मदद के लिए पुकार रहे थे। लेकिन चारों शिष्यों ने कहा कि माफ़ किजिएगा गुरूजी लिस्ट में तो आपका नाम नहीं है इसलिए हम आपको नहीं उठाएंगे।

(18) सुन्दरता की सच्चाई

एक समय की बात है दो भाई थे। एक का नाम विजय था और दूसरा का नाम राहुल था। दोनों भाई आपस में बहुत प्यार करते थे। एक दोनों भाई बागीचा में टहल रहे थे तभी उन्होंने एक सुंदर लड़की को देखा। दोनों ने लड़की का पीछा किया और उसके घर पहुंच गये।

लेकिन जब वे लोग घर के अन्दर दाखिल हुए तो एक बूढ़ी औरत बाहर आई और विजय जो बड़ा भाई था, उसने औरत से पूछा, वह सुन्दर लड़की कहॉं है ? बुढ़िया ने जवाब दिया अगर तुम लोग उससे मिलना चाहते हो तो कल इसी समय बागीचा में फिर आना।

जाते समय विजय ने राहुल से कहा कि वह लड़की को प्यार करने लगा है और वह बोला मैं लड़की से पूछुंगा क्या तुम मुझसे शादी करोगी?  राहुल भी लड़की को चाहता था लेकिन वह बड़े भाई के कारण चुप रहा।

अगले दिन विजय लड़की से मिला और पूछा कि क्या तुम मुझसे शादी करोगी ? लड़की ने कहा इससे पहले कि मैं कुछ बोलूं तुम मेरा दूसरा रुप देखलो और वह लड़की अपने चेहरे से मेकअप हटाई (remove makeup) तो वह बहुत बुरी और बदसूरत (ugly) थी। विजय उदास हो गया और बिना कुछ कहे वहॉं से चला गया। विजय ने राहुल को सारा क़िस्सा सुनाया।

लेकिन राहुल ने कहा कि वह उसकी बहारी सुन्दरता (outer beauty) से नहीं बल्कि वह उसकी अंदरूनी गुणों ( inner quality) के कारण उससे प्यार करता है।

दुसरे दिन राहुल लड़की से मिलने जाता है और पूछता है,  ‘क्या तुम मुझझे शादी करोगी ?’ लड़की ने अपना मेकअप को हटाया और उसका असली सुरत देखा लेकिन वह उदास नहीं हुआ। “मैं तुम्हें खूबसूरती के वजह से नहीं बल्कि तुम्हारी अच्छी आदतों के वजह से प्यार करता हूं।” राहुल ने कहा।

एक दिन राहुल और उस लड़की की शादी हो गई। शादी के बाद लड़की और सुन्दर दिखने लगी क्योंकि वह वास्तव में बहुत सुंदर थी। वह सिर्फ सच्चा प्यार को परखने के लिए दोनों भाइयों को झूठ बोली की वह बदसूरत है।

अब वह एक सच्चा पति पाकर बहुत खुश थी। लेकिन विजय को यह जानकर बहुत गुस्सा आया फिर उसने फैसला किया की वह अपने भाई राहुल को जान से मारक लड़की से शादी कर लेगा।

(19) चालाक चोर

धर्मेंद्र एक चालाक (clever) चोर था। वह अमीरों को लूटता (rob) था और बीमारों (sick) और ज़रुरत मंद (needy) लोगों को पैसे बाट देता था। दूसरे चोर उससे बहुत जलते (feel very jealous) थे। सभी चोरों ने एक योजना बनाया।वे लोग उससे छुटकारा पाना (get rid of) चाहते थे। वे लोग उसको चुनौती देते है कि वह राजा का पाजामा चुरा कर दिखाए।

धर्मेंद्र चुनौती को स्वीकार कर लिया। उसने चोरी करने का तैयारी शुरू किया। उसने चोरी का एक योजना बनाया। वह राजा के महल में जाता है। उसने देखा कि राजा पलंग पर सो रहा है, वह लाल चूंटी के बोतल अपने साथ लाया था। उसने बोतल को खोल दिया और सभी चूंटी पलंग पर घूमने लगे।

चूंटियो ने राजा को बुरी तरह काटा (bite very badly)। राजा मदद के लिए चिल्लाया। उसके नौकर लोग अन्दर आए। धर्मेंद्र ने राजा का पाजामा उतारा और वहां से भाग (ran away) गया

(20) बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ?

एक चूंहा और उसका बड़ा सा परिवार एक बेकरी में रहते थे। वे लोग रोटी और केक खाते थे। वे लोग सामान (things) को बर्बाद (destroy) कर देते थे। बेकरी का मालिक चूहों से तंग (got fed up) आकर एक दिन। चूहों का दुश्मन (enemy), बिल्ली को बेकरी में लाया ताकि वह उन चूहों से छुटकारा (get rid of) पा सके।

अगले दिन बिल्ली को नाश्ते में छोटे छोटे चूंहे मिले। चूहां का परिवार बड़े चिंतित (worried) में थे। चूंहा को अपने परिवार वालों को खोकर बहुत उदास थे। वे लोग एक सभा बुलाई (called a meeting)। वे लोग बिल्ली से बचने का उपाय खोज रहे थे। अंत में वे लोग फैसला किए की‌ वे बिल्ली के गले में घंटी बांधेंगे (tie the bell)

उनमें से एक बड़ा चूंहा ने सभी चूंहो से पूछा कि, बिल्ली को घंटी कौन बांधेगा ? यह सुनते ही सभी चुप हो गये।

(21) प्यासा कौआ

एक गर्मी का दिन था। एक कौआ जो बहुत प्यासा (thirsty) था। वह पानी की खोज में इधर-उधर (here and there) उड़ रहा था। लेकिन उसे पानी कहीं नहीं मिला। पानी की कमी ( lack of water) के कारण वह मरने ही वाला (about to die) था।

आखिर (at last) में उसने एक घड़ा देखा। वह घड़ा के पास गया। वह बहुत खुश हुआ। लेकिन घड़ा में बहुत थोड़ा पानी (a little water) था। पानी बहुत नीचे था की वह पहुंच नहीं सका। उसका चोंच ( beak) पानी तक पहुंच नहीं सका। तब कौआ ने उसे तोड़ने की कोशिश किया और हिलाने का कोशिश किया लेकिन वह असफल रहा।

वह इधर उधर देखा उसे कुछ कंकर (pebbles) दिखाई दिया। उसने कंकर एक-एक कर (one by one) के उठाया (picked up) और घड़ा के अन्दर डालने लगा। जब पानी ऊपर आया तो उसने पानी पीया और उड़ गया।

22) लोमड़ी और अंगूर

एक दिन एक लोमड़ी मीलों सफर करने के बाद (after traveling miles) वह बहुत थक (was very tired) गई थी। उसे ज़ोरो की भूख (felt very hungry) लगी थी। वह भोजन के लिए इधर उधर देखने लगी। परंतु (but) खाने का कुछ भी नहीं था।

अंत में (at last) उसे अंगूर का एक पेड़ दिखा जिस पर पके हुए अंगूरों का गुच्छा (bunch of grapes) लटक रहा था। लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। लोमड़ी पेड़ के पास गया लेकिन गुच्छा बहुत ऊंचा था।

वह बहुत कोशिश किया गुच्छा तक पहुंचने का लेकिन अंगूर उसके पहुंच से दूर (out of reach) था। बहुत कोशिशों के बाद भी वह असफल रहा। फिर वह जाने लगा, जाते हुए उसने खुद से कहा, “अंगूर ज़रूर खट्टे (sour) होंगे”!

(23) दयालु देहाती

एक समय की बात है एक सज्जन आदमी (gentle man) ट्रेन में सफर कर रहे थे। उसे ज़ोरो से प्यास लगी। वे ट्रेन से उतरे (got down) और पानी खोजने लगे जैसे ही (as soon as) वे नल के पास पहुंचे ट्रेन चलने लगी, वे ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़े पर वह ट्रेन नहीं पकड़ सके।

उसने रात स्टेशन में गुजारने का फैसला किया। अगले दिन वह अगले ट्रेन की पूछताछ (enquired) कर रहे थे लेकिन ट्रेन दूसरे दिन आने वाली थी। उसने रहने के लिए कमरा की तलाश की आसपास कहीं कमरा नहीं था। शाम हो रही थी, अंधेरा हो रहा था।

अंत में वह एक छोटा सा झोपड़ी (hut) में पहुंचा उसने झोपड़ी के मालिक, देहाती (villager) से पूछा कि क्या वह एक रात वहां रह सकता है ? देहाती दयालु आदमी था। उसने सिर्फ कमरा ही नहीं बल्कि खाने के लिए भोजन भी दिया बिना किसी चीज की आशा (without expecting anything) करते हुए।

आधी रात (midnight) को जब वे लोग सो रहे थे तब किसी ने दरवाजा खटखटाया। देहाती ने दरवाजा खोला, बाहर‌ एक आदमी आया था जो अपने लोन का पैसा लेने आया था। देहाती के पास पैसे नहीं थे।

मुसाफिर (traveler) जो एक रात के लिए ठहरने आया था, वह सब कुछ सुन रहा था। वह समझ गया कि देहाती को पैसौं की ज़रूरत (in need of money) है। उसने सुबह जाने से पहले (before going) पैसा और एक पत्र देहाती के नाम छोड़ गया।

अगले दिन जब देहाती ने पैसा देखा और पत्र पढ़ा उसमें लिखा था कि तुम ने मेरी मदद किया बिना कुछ चाहते हुए। मुझे लगा तुम्हें पैसौ की बहुत ज़रूरत है इसलिए यह रहा पैसा जो मेरे तरफ से आपको छोटा सा भेंट है।

(24) समझदार बकरियां

बहुत पहले की बात है। किसी गांव के पास एक नाला (drain) था। नाला बहुत गहरा (deep) था। गांव वालों ने नाला पार करने के लिए एक लंबा सा पेड़ का डाल (branch of a tree) बिछा दिया था। उस डाली पर एक समय में केवल एक ही आदमी पार हो सकता था और वो भी (that too) धीरे धीरे बहुत सावधानी के साथ।

एक दिन लोगों ने देखा कि नाला पर रखा डाल पर दो बकरियां आमने सामने से आ रही है। दोनों एक दूसरे के सामने आकर रुक गई। दोनों बकरियां सोच रही थी कि कैसे पार किया जाए ?

दोनों बकरियां ने आपस में सलाह-मशिवरा (discuss) किया। एक बकरी डाल पर बैठ गई और दूसरी बकरी उसके ऊपर से पार हो गई। दूसरी बकरी भी उठी और और बड़ी आसानी से उस पार चली गई। लोगों ने ये सब देखकर आश्चर्य हुए (got surprised) और तालियां बजाने लगे (started clapping)।

(25) मुर्ख बंदर

एक बहुत घंना (dense) जंगल था। उसमें अनेक प्रकार के पेड़ पौधे थे। एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत से पक्षी घोंसले में रहते थे। उसी पेड़ पर एक बंदर भी रहता था।

एक दिन अचानक से तेज़ बारिश होने लगी। सभी पक्षी अपने-अपने (their respective) घोंसले में छिप गए। बंदर पेड़ के डाल पर बैठा रहा और वह बारिश में भीग रहा था, कांपने (tremble) लगा। एक चिड़िया को बन्दर पर दया आ (took pity on) गई। वह बोली- “तुम अपने लिए घर क्यों नहीं बनाते ? मैं तो छोटी हूं फिर भी (even then) मैंने मेहनत से घर बना लिया है। बंदर को चिड़िया की बात अच्छी नहीं लगी। वह गुस्से में चिड़िया का घोंसला तोड़ दिया और नीचे फेंक दिया।

“Never give an advice to the foolish” 

(26) नकल का नतीजा

एक दिन बीरबल अपने रिश्तेदार के यहां डिननर के लिए गये थे। अगले दिन जब राजा अकबर ने बीरबल से पूछा, “तुमने वहां क्या क्या खाया ?” बीरबल ने अकबर को भोजन के नाम बताना शुरू किया, फिर अकबर दुसरी टाॅपिक पर बात करने लगे। इस घटना को चार-पांच दिन बीत गए।

एक बार फिर अकबर को भोजन का याद आया और उसने बीरबल से बस इतना पूछा, “और क्या ?” बीरबल ने झट से कहा, “और क्या, बस कढ़ी !”

बीरबल के अच्छे यादाश्त ( good memory power) के कारण अकबर ने इनाम दिया। तो दुसरे दिन सभी दरबारियों (courtiers) ने अकबर के लिए कढ़ी ले आए। अकबर को इस बात पर गुस्सा आया।

“We should never copy blindly”

(27) इमानदारी का फल

किसी गांव में एक गरीब लकड़हारा (woodcutter) रहता था। वह हर दिन जंगल जाता। वह लकड़ियां काटता था। वह उन्हें बाजार में बेचता था। एक दिन जब वह पेड़ पर बैठ कर लकड़ियां काट रहा था तो उसका कुल्हाड़ी नीचे नदी में गिर गया। वह खूब रोने लगा कि अब मैं अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करूंगा ?

लेकिन जल देवता को उस पर दया (took pity on) आ गई। वे बोले, “घबराओ मत‌ मैं तुम्हारे कुल्हाड़ी को नीकाल दुंगा। जल देवता पानी में गये और चांदी का कुल्हाड़ी लेकर बाहर (came up with) आए। लेकिन लकड़हारा उसे लेने से मना (refuse) कर दिया। फिर वे पानी में गये और इस बार सोना से बना कुल्हाड़ी लेकर बाहर आए। अब भी गरीब लकड़हारा उसे नहीं लिया और कहा, यह मेरा नहीं है”

अंत में जल देवता फिर पानी में गये और इस बार लोहा से बना कुल्हाड़ी जो उस इमानदार लकड़हारा का था लेकर आए। वह अपनी कुल्हाड़ी देखकर बहुत खुश हुआ। इमानदारी के कारण भगवान ने उसे चांदी और सोना का कुल्हाड़ी भी भेंट के तौर पर दे दिया।

(28) बेवकूफ गधा

एक समय की बात है, एक नमक बेचने वाला व्यापारी था। वह हर रोज अपने गधा के ऊपर नमक लादकर बाज़ार जाता था और नमक बेचता था। उसके गांव से बाजार जाने के रास्ते पर एक नदी भी थी जिसे उन्हें पार करना पड़ता था।

गधा रोज़ रोज़ भारी भारी बोझ (load/burden) उठाकर परेशान हो गया था। एक दिन जब वह व्यापारी अपने गधा के साथ उस नदी को पार कर रहा था। तब ग़लती से गधा पानी में गिर जाता है जिससे कि कुछ नमक पानी में घुल जाता है। इस कारण से गधा का बोझ कुछ हल्का हो जाता है।

अब गधा को अच्छा लग रहा था। वह बहुत खुश थी क्योंकि उसका काम थोड़ा हल्का हो गया था। अब हर दिन जब गधा नदी में पहुंचता तो वह जानबूझकर (knowingly/ intentionally ) पानी में गिर जाता ताकि उसका बोझ कम हो जाए।

उधर उसके मालिक को बहुत नुक्सान हो रहा था। अब उसके मालिक ने गधा को सबक सिखाने के लिए। एक दिन उसने नमक के बदले (in place of salt) रुई (cotton ) ले जाने का फैसला किया।

जब रास्ते में नदी आया तो गधा ने वही हरकत किया, वह पानी में गिर गया। लेकिन इस बार ठीक उल्टा हुआ। उसका बोझ और बढ़ गया। क्योंकि हम सब जानते हैं रुई भींगने पर भारी हो जाता है। तब से गधा पानी में गिरना छोड़ दिया।

(29) चमत्कार होते हैं

बहुत दिनों पहले की बात है। एक औरत जिसका नाम ‘गाला’ था। वह बहुत अमीर थी। वह बहुत दिनों से बीमार रह रही थी। जब उसने बड़ा हस्पताल में जाकर अपना अच्छे से चेकअप करवाया तो उसे पता चला कि वह कैंसर जैसे घातक (fatal) बीमारी से जूझ रही थी।

अच्छे और अनुभवी डाक्टरों ने उसका इलाज किया लेकिन उसकी बीमारी ठीक नही हुई। वह भी हस्पताल वाली जिंदगी से तंग आ चुकी थी। जब गाला को अपने डॉक्टर से पता चला कि वह अब ज्यादा दिनों तक नहीं जी पाएगी। यहां तक कि डॉक्टर ने कहा कि तुम किस दिन, कौन सी तिथि को मर जाओगी। तो ये दुःख भरा समाचार सुनकर वह कुछ पलों के लिए उदास हो गई।

लेकिन उसने फैसला किया की वह अपने बाकी के बचे दिन हस्पताल में नहीं बीताएगी। वह एक सुंदर से इलाका में जाकर रहने लगी। वह हर दिन सुबह उठती, पहाड़ों का नजारा करती, वह बागों में घूमने जाती। रंग बिरंगे फूल, उड़ते पक्षी को देखती।

वह ऐसा हर दिन करती। वह बहुत खुश रहने लगी। वह लगभग भूल ही गई थी कि उसको कोई बीमारी भी है। देखते ही देखते दिन बीत गया। डाक्टर द्वारा दिया गया समय (deadline) भी पार हो गया। और वह ठीक हो गई।

(30) नज़रिया

एक बार किसी जगह पर मंदिर बनाया जा रहा था। वहां पर तीन मजदूर धूप में बैठकर पत्थर तोड़ रहे थे। एक राहगीर (passer by) वहां से गुज़र रहा था और उसने पूछा “क्या कर रहो हो, भाई?”

पहले मजदूर ने कुछ दुखी भाव से जवाब दिया – देख नहीं रहे पत्थर तोड़ रहा हूं, उसने ग़लत भी नहीं कहा था। जवाब देकर वह फिर से उदास मन से पत्थर तोड़ने लगा।

दूसरा मजदूर बोला, ‘पैसे कमा रहा हूं भाई ! उसने भी ठीक ही कहा।, लेकिन वह न दुःखी था न खुश- वह तो बस आजीविका कमा रहा था। तीसरा मजदूर कुछ गुनगुनाते (humming) हुए पत्थरों को तोड़ रहा था।  पूछने पर उसने गीत को बीच में रोककर कहा ‘मैं मंदिर बना रहा हूं ‘ उसकी आंखों में एक चमक सी थी और वह आनंद से भरा हुआ था। निशचय ही मंदिर बनाना सौभाग्य और आनंद की बात है।

जीवन वही है सिर्फ दृष्टि (perception) बदलने से सब कुछ बदल जाता है, फूल कांटे (thorns) हो जाते है और कांटे फूल बन जाते हैं ।

 

(31) संसार आईना/छवि है

एक अजनबी आदमी किसी गांव में पहुंचा। गांव के बाहर एक पेड़ के नीचे एक बुजुर्ग आदमी बैठा था। अजनबी से उससे पूछा, इस गांव के लोग कैसे हैं? बुजुर्ग आदमी ने कोई जवाब देने की जगह उस व्यक्ति से ही पूछा कि पहले यह बताओ कि तुम जिस गांव के रहने वाले हो और वहां के लोग कैसे हैं?

वह अजनबी गुस्से से भर गया और बोला बहुत दुष्ट और स्वार्थी! मेरी सारी परेशानियां का कारण उस गांव के लोग ही थे। बुजुर्ग आदमी कुछ देर चुप रहा और बोला मुझे दुःख है लेकिन इस गांव के लोग भी वैसे ही हैं।, तुम इन्हें अपने गांव के लोगों से अधिक दुष्ट पाओगे। वह व्यक्ति निराश हो कर चला गया।

और तभी एक दूसरा व्यक्ति उसी बुजुर्ग के पास आया और वहीं बात पूछी – इस गांव के लोग कैसे हैं? बुजुर्ग आदमी ने पूछा ‘ तुम जहां से आ रहे हो वहां के लोग कैसे थे ?

प्रशन सुनकर वह व्यक्ति अपना गांव की याद में डूब गया। उसकी आंखें गीली हो गई। उसने कहा ‘बहुत प्रेमपूर्ण और भले लोग हैं मेरे गांव के लोग। मेरी सारी खुशियों के कारण वही लोग हैं। काश! मुझे उस गांव को कभी न छोड़ना पड़ता।

बुजुर्ग आदमी मुस्कुराने लगा और बोला यहां के लोग भी उतने ही प्यारे और दयालु हैं। उस आदमी के जाने के बाद बुजुर्ग के पास बैठे हुए एक आदमी ने सारी बातें सुन रहा था पूछा, आपने एक ही गांव के बारे में दो अलग अलग राय दिए। बुजुर्ग आदमी हंसने लगा और बोला, जो जैसा है वैसे ही दूसरे उसे दिखाई देते हैं।

अगर आप चाहते हैं कि दुनिया में आपको प्यार और सम्मान मिले तो पहले तुम्हें खुद को बदलना होगा। 

32) गवाही

एक आदमी पर अपने एक दोस्त का दस हजार रुपये बकाया था। लेकिन वह एक बेईमान व्यक्ति था और वापस भुगतान नहीं करना चाहता था।

इसलिए उसने जाली रसीद की और पंद्रह गवाहों को यह साबित करने के लिए काम पर रखा कि उसने पैसे वापस कर दिए हैं। उसके दोस्त को उसके खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिए मजबूर किया गया था।

इस डर से कि कहीं वह केस हार न जाए, उस आदमी ने जज को रिश्वत के तौर पर एक हजार रुपये भेज दिए।

जब मामला सुनवाई के लिए आया, तो न्यायाधीश ने उससे कहा, “आप यह साबित करने के लिए पंद्रह गवाह लाए हैं कि आप सच बोल रहे हैं।” फिर उसने अपनी जेब से हजार रुपये की एक गठरी निकाली

और कहा, “लेकिन तुमने मुझे एक हजार गवाहों को यह साबित करने के लिए भेजा है कि तुम झूठ बोल रहे हो। अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने पैसे वापस नहीं किए हैं।” बेईमान व्यक्ति को न केवल पैसे वापस चुकाने पड़े, बल्कि उसकी बेईमानी के लिए दंडित भी किया गया।

33. पिता का प्यार

एक 80 वर्षीय व्यक्ति अपने 45 वर्षीय उच्च शिक्षित बेटे के साथ अपने घर में सोफे पर बैठा था।

अचानक एक कौवा उनकी खिड़की पर बैठ गया।

पिता ने अपने पुत्र से पूछा, “यह क्या है?”

पुत्र ने उत्तर दिया “यह एक कौवा है”।

कुछ मिनटों के बाद, पिता ने दूसरी बार अपने पुत्र से पूछा, “यह क्या है?”

बेटे ने कहा, “पिताजी, मैंने अभी-अभी तुमसे कहा है,” यह एक कौवा है।

थोड़ी देर बाद बूढ़े पिता ने फिर अपने बेटे से तीसरी बार पूछा,

यह क्या है?”

इस समय बेटे के स्वर में कुछ जलन की अभिव्यक्ति महसूस हुई जब उसने अपने पिता से फटकार के साथ कहा। “यह एक कौवा, एक कौवा, एक कौवा है”।

थोड़ी देर बाद, पिता ने चौथी बार अपने पुत्र से फिर पूछा, “यह क्या है?”

इस बार बेटा अपने पिता पर चिल्लाया, “तुम मुझसे एक ही सवाल बार-बार क्यों पूछते हो, हालाँकि मैंने तुमसे कई बार कहा है कि ‘यह एक कौवा है’।

क्या तुम यह नहीं समझ पा रहे हो?”

थोड़ी देर बाद पिता अपने कमरे में गए और एक पुरानी फटी हुई डायरी लेकर वापस आए, जिसे उन्होंने अपने बेटे के जन्म के बाद से संभाल कर रखा था। एक पन्ना खोलने पर उसने अपने बेटे से उस पन्ने को पढ़ने को कहा। जब बेटे ने इसे पढ़ा तो डायरी में ये शब्द लिखे थे:-

“आज मेरा तीन साल का छोटा बेटा मेरे साथ सोफे पर बैठा था, तभी खिड़की पर एक कौवा बैठा था। मेरे बेटे ने मुझसे 23 बार पूछा कि यह क्या है, और मैंने उसे 23 बार जवाब दिया कि यह एक कौआ है। हर बार जब उसने मुझसे एक ही सवाल 23 बार पूछा तो मैंने उसे प्यार से गले लगाया।

मुझे बिल्कुल भी जलन नहीं हुई, बल्कि मुझे अपने मासूम बच्चे के प्रति स्नेह महसूस हुआ।”

जबकि छोटे बच्चे ने उनसे 23 बार “यह क्या है” पूछा, पिता को एक ही प्रश्न का 23 बार उत्तर देने में कोई जलन नहीं हुई और जब आज पिता ने अपने पुत्र से वही प्रश्न केवल 4 बार पूछा, तो बेटे को चिढ़ और गुस्सा आया .

आज से यह ज़ोर से कहो, “मैं अपने माता-पिता को हमेशा के लिए खुश देखना चाहता हूँ। जब मैं छोटा बच्चा था तब से उन्होंने मेरी देखभाल की है।

उन्होंने हमेशा मुझ पर अपना निस्वार्थ प्यार बरसाया है।

उन्होंने मुझे आज समाज में प्रस्तुत करने योग्य व्यक्ति बनाने के लिए तूफान और गर्मी को देखे बिना सभी पहाड़ों और घाटियों को पार किया

(34) to be continued……

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